क्यूँ मायूसी

क्यूँ ऐसे खामोश बैठे हो, किस लिए हो यूँ गुमसुम
लगता है जैसे कि खुद से ही कुछ रूठ गए हो तुम

ग़र कोई चाहत पूरी नहीं हुई तो यूँ परेशान हो गए 
सिर्फ़ अपनी ही नहीं मेरी तरफ से भी टूट गए हो तुम 

वक्त का पहिया रुकता नहीं - अपनी रफ़्तार से चलता रहता है 
मुश्किलों के दौर ज़रा खिंच क्या गए, मानों थक गए हो तुम 

हौसला रखो, मेहनत करो, कामयाबी का भी दौर आएगा 
क्यूँ नाउम्मीदियों के भँवर में यूँ उलझ गए हो तुम 

शुक्रिया करो ऊपर वाले का कि बस इतना ही इम्तिहान लिया है 
जब हो जाओ कामयाब फिर से, तो करना शुक्रिया कि उठ गए हो तुम 

Image courtesy : https://images.app.goo.gl/hD3pnzUmiU29MnMb7
 

Comments

Popular posts from this blog

भजन

woh

had