woh
किसी और का नहीं अपना है वो
एक सुन्दर सा मेरा सपना है वो
मेरे तरीके से प्यार निभाता है वो
जो सोचती हूँ मैं, कर जाता है वो
किसी और को देखे तक न वो
सिवा मेरे कुछ और सोचे तक न वो
इसीलिए किसी और का नहीं, अपना है वो
एक सुन्दर सा मेरा सपना है वो
फूल और तोहफों के ढेर लगा दे वो
जो मांगू मैं, तुरंत मुझे दिला दे वो
जैसे मैं चाहूँ वैसे मुझे प्यार करे वो
सब कुछ अपना मुझपर निसार करे वो
इसीलिए किसी और का नहीं, अपना है वो
एक सुन्दर सा मेरा सपना है वो
फ़िल्मों के हीरो को भी हरा दे वो
हाथ में चाँद, माँग में तारे सजा दे वो
मेरे लिए पूरी दुनिया से लड़ जाता वो
अरे मेरे लिए क्या कुछ नहीं कर जाता वो
इसीलिए किसी और का नहीं, अपना है वो
एक सुन्दर सा मेरा सपना है वो
रोज की भाग दौड़ से हट के मिलता है वो
मेरे सिवा किसी को भी नहीं दिखता है वो
असल ज़िंदगी में क्या होता है वो?
शायद सपनों ही में मिलता है वो
इसीलिए किसी और का नहीं, अपना है वो
एक सुन्दर सा मेरा सपना है वो
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