हिन्दी दिवस पर हिन्दी की प्रार्थना

क्या मात्र आज ही का दिवस है मेरे लिए,
अन्य दिनों में क्या कोई स्थान नहीं है मेरा?

समस्त वार्तालाप में करते हो उपयोग मिश्रित भाषा, 
अभ्यास करो कि थोड़ा समय हो पूर्णतः मेरा! 

मुझे नहीं आपत्ति अपनी बहनों के साथ खेलने में - 
परन्तु एक अनूठा नाता है, जो है मात्र तेरा - मेरा। 

दिवस मनाना तो सरल है - लेख, पुस्तकें, वचन अनन्त! 
किन्तु क्या मनन करते हो कि "कितना समय बीता इन पर मेरा?" 

इतिहास तो था स्वर्णिम किन्तु वर्तमान में है किंचित भय, 
और भविष्य के विचार से घबरा जाता है अन्तर्मन मेरा! 

हे मेरे प्रिय देशवासियों! द्वितीय नहीं प्रथम स्थान दो मुझे! 
अधिक न सही, थोड़ा सा सम्मान दो मुझे! 
प्रतिदिन व्यतीत करो कुछ क्षण मेरे साथ, 
एक दिवस का नहीं अपितु ह्दय में रहूँ तुम्हारे, ये वरदान दो मुझे! 


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